उसके मिलने की उम्मीद से,
बढ़ती धड़कने भी काबू हो जायेंगी।
ख्वाबों में मुस्कुराना और नींद भी आएगी,
इस उम्र में भी यादें बहकती है तो,
ऐ नफ़ीस, कोटा चला जा,
दड़िया या के इलाज से ज़िन्दगी
वापस पटरी और आ जाएगी।
-डॉ महेंद्र सिंह मीणा
उसके मिलने की उम्मीद से,
बढ़ती धड़कने भी काबू हो जायेंगी।
ख्वाबों में मुस्कुराना और नींद भी आएगी,
इस उम्र में भी यादें बहकती है तो,
ऐ नफ़ीस, कोटा चला जा,
दड़िया या के इलाज से ज़िन्दगी
वापस पटरी और आ जाएगी।
-डॉ महेंद्र सिंह मीणा
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